फरमाने मौला अली (रदिअल्लाहु अन्हु)
कैसे मालूम करें के इन्सान पर आई हुई मुसीबत सज़ा है या आजमाइश? तो जो मुसीबत, बंदेको अल्लाहसे दूर करे वो सज़ा है और जो करीब करे वो आजमाइश है.
फरमाने मौला अली (रदिअल्लाहु अन्हु)
फुज़ूल शोखमें वक़्त ज़ाये करना, इस बातकी दलील है के अल्लाह इस बंदेसे नाराज़ है.
फरमाने मौला अली (रदिअल्लाहु अन्हु)
लोगोंको ऐसे माफ करो जैसे तुम अल्लाहसे उम्मीद रखते हो के वो तुमको माफ करे.
फरमाने मौला अली (रदिअल्लाहु अन्हु)
जिसका राब्ता अल्लाहके साथ हो वो कभी भी नाकाम नहीं होता. नाकाम वही होता है जिसकी उम्मीदें दुन्यासे वाबस्ता है
फरमाने मौला अली (रदिअल्लाहु अन्हु)
जब तुम्हारा दिल गुनाहके कामोंमें लगना शुरू हो जाए तो ये इस बातकी दलील है के तुम्हारा रब तुमसे नाराज़ है.
Hazrat Ali Sayings
आदमी की काबिलियत ज़बां के नीचे छुपी हुई है.
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आदमी की काबिलियत ज़बां के नीचे छुपी हुई है.
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